हम यहाँ बात करेंगे Google Ads Structure की google ads का जो प्लेटफॉर्म है उसका structure क्या है। उसमे कैंपियन होते है। फिर उसके बाद क्या होता है? तो एक बार हम flow मे देखेंगे की जो Google Ads Structure जो है वो किस तरीके से काम करता है। यानि की हमको अपने फ़ाइनल ads तक पहुँचने के लिए कौन कौन से steps लेने होते है। और उन steps के हाइलाइट पॉइंट कौन से है। चलिये शुरू करते है-
Google Ads Structure
आप google ads मे जब कभी भी नया campaign बनाने जाएंगे। इन चीजों को तो बाद मे बताएँगे हम लोग जब हम campaign बनाएँगे। सारी चीजें आएंगी आगे आने वाली पोस्ट मे पर अभी हमे एक Structure समझ मे आना चाहिए की जो google ads का basic structure है। वो क्या है? तो आप यहाँ पर देखा रहे होंगे। की यहाँ पर campaign बनाने के लिए तीन लेवल है। पहला है हमारा campaign लेवल, दूसरा है हमारा ads group level, तीसरा है हमारा ads level ये तीन हमारे levels होते है।

आप इस image मे Google Ads Structure को देख सकते है। आप देख रहे है न की AdWords account पहले बनाना होता है। ये तो structure मे होना ही है। आपको पहले अपना account बना लेना है। google Adworlds का जो अब google ads हो गया है। अगर आप image मे देखे तो Adwords account के बाद campaign 1 and campaign 2 दिख रहा है यानि की एक account के अंदर आप कई campaign बना सकते है।
Campaign Level
पहला हमारा जो Level है वो campaign level है जहां पर हम नया campaign बनाते है। जैसे ही हम new campaign मे क्लिक करते है। हमे एक page दिखता है। जहां campaign का type होता है। और campaign का नाम लिखना होता है जो आप अपने हिसाब से रख सकते है। अब हमे network select करने का option मिलता है। location वगैरह टार्गेटिंग वगैरह हम यहाँ से कर सकते है। audiences select कर सकते है। और Budget select कर सकते है। उसके बाद कुछ extra ad extensions है जो हम select कर सकते है। उसके बाद हम second level पर जाते है।

Ad Group
ये ad group level हमे campaign level के अंदर मिलता है। तो जैसा की हम बता चुके है की एक account के अंदर हम बहुत सारे campaign बना सकते है। और एक campaign मे अंदर आप कई सारे ad groups बना सकते है। ad group मे आप अपने keyword को रखते है। जैसा की मैंने बताया एक campaign के अंदर आप कई सारे ad group बना सकते है। तो हर एक ad group के अंदर आप जो keyword रखेंगे।
उसमे एक थिमिंग होनी चाहिए। थिमिंग का मतलब एक जैसे जो keyword है वो एक ad group मे होने चाहिए। जो दूसरे एक जैसे keywords है। वो एक दूसरे ad group मे होने चाहिए। ये दोनों चीजें एक campaign के अंदर होंगी।
How to Work Ad Group
ad group बेसिकली इस तरीके से काम करता है। की आप एक सिस्टेमैटिक keywords का जो group है वो एक ad group के अंदर रख पाये। यही मैन उद्देश्य होता है ad group का। उसके बाद हम keyword रखेंगे। उसके बाद एक ad group बनता है। इस level मे आपको अपने ad group का नाम रखना है। अपने keyword को रखना है। इसमे कई लोगों को समस्या रहती है की एक campaign मे लगभग कितने ad group होने चाहिए। एक ad group के अंदर लगभग कितने keyword होने चाहिए। एक ad group के अंदर जब हम ads बनाएँगे तो हम कितने ads होने चाहिए। जो मेरा तरीका है।

मैंने जो प्रेक्टिकली काम किया है। वो ये है की एक campaign के अंदर आप कोशिश करे की चार से पाँच ad group बना सके average लगभग यही रहे। और हर ad group के अंदर आप पाँच छः keyword रखें क्योकि ये क्या कह रहा की ये ad group है न तो इसमे चार 5 keyword रखें। ज्यादा से ज्यादा अगर आप कुछ एक्सपेरिमेंट करना चाहते है तो आप 15 रख सकते है। पर फिर भी मै यही कहूँगा की 5,6,7 कुछ इस ऑर्डर मे आप keyword रखें ज्यादा न रखें। उसके बाद ad group के अंदर जब हम ads बनाते है तो तीन या दो ads आप बनाए।
एक ad group के अंदर आपको इससे ज्यादा एक्सपेरिमेंट करने की जरूरत नहीं है। यहाँ पर आप कई नया ad group बना सकते है।
Ad Level
इसके बाद हमारा next option है ads level यहाँ पर आप अपने ads को creative बनाते है। हम यहाँ अपने प्रॉडक्ट के लिए एक search ads बनाएँगे। आप यहाँ एक ad group के अंदर कई सारे ads design कर सकते है। होता क्या है ट्रैकिंग कैसे होती है। जैसे यहाँ आपके एक ad group के अंदर बहुत सारे keyword होते है। google search मे जैसे ही keyword हिट होता है। कोई search करता है। जब keyword वहाँ पर type होगा keyword वहाँ पर हिट होगा तो ये पता चलेगा की वो किस ad group का keyword है। अगर वो एक specific ad को ट्रिगर करता है। तभी तो आपका ads वहाँ पर दिखेगा।

फिर से समझते है एक keyword हमने जब google search engine मे type किया। जैसे ही search किया तो हमे जो ads दिखाता है। वो कैसे दिखाता है। वो keyword एक ad group के अंदर था। उस ad group के अंदर बहुत सारे ads थे। तो उस keyword ने उस ad group को access किया उसके बाद जो उस ad group के अंदर बहुत सारे ads थे उसमे से किसी एक को उसने ट्रिगर कर दिया अगर केवल एक ही ad वहाँ पर होता तो उसी के चांसेस होते ट्रिगर होने के।
जब आपने कई सारे ads बना के रखें है तो वहाँ पर क्या होगा। वो keyword जो उसके हिसाब से मैच होगा। वही ads दिखाया जाएगा। तो मै कोशिश कर रहा हूँ की आपको ये चीजें समझ मे आए। अगर आपको google ads को सीखना है अच्छे level मे सीखना है तो आपको ये सभी पोस्ट पढ़नी होगी। उसके बाद आप गूगल ads को अच्छे से manage कर सकेंगे।
Three Level – Google Ads Structure
क्योकि बहुत सी चीजें ऐसी है की आप अगर एक क्रम से नहीं पढ़ेंगे तो आपको समझ मे नहीं आएगा। तो यहाँ पर हमने आपको तीन level बताया हर level अपने आप मे महत्वपूर्ण है। तो हमे उम्मीद है की आपको Google Ads Structure समझ मे आया होगा। सबसे पहला था की आपके पास dwords का account बना होना चाहिए। उसके बाद आप एक campaign create करेंगे। अब उसके अंदर ad group बनाएँगे। उसके बाद उस ad group के अंदर कई सारे keyword रखेंगे। उसके बाद उन keyword से related अपने product का ads बनाएँगे। जैसा की हमने बताया की हम कई सारे campaign बना सकते है। एक campaign के अंदर कई सारे ad group बना सकते है।

एक ad group के अंदर कई सारे keyword लिख सकते है। keyword से संबन्धित कई सारे ads भी बना सकते है। हर campaign अलग अलग उद्देश्य के लिए हो सकता है। एक बात आपको ध्यान रखनी है की एक ad group मे एक जैसे keyword होने चाहिए। आपको ध्यान रखना होगा की आपके keyword और ads आपके product से संबन्धित होने चाहिए। तो क्या मैं ये समझू की आपको Google Ads Structure समझ मे आ गया है। अगर हाँ तो आप हमे कमेंट जरूर करे और आगे की पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहिए।
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